The 2-Minute Rule for सफेद मूसली के लाभ
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अगर आपके बाल भी गर्मी के चलते हर वक्त ऑयली रहते हैं और नमी खो चुके हैं, तो व्हिस्की को इस तरह से बालों में अप्लाई करके आप कई समस्याओं से मुक्त हो सकते हैं।
सफेद मूसली की विभिन्न प्रजातियाँ /किस्में
दिन में दो बार आधा-आधा चम्मच मूसली पाक ले सकते है।
इसमें मौजूद तत्व बालों को रिपेयर करने में भी विशेष भूमिका निभाते हैं।
मूसली की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं जैसे-क्लोरोफाइटम बोरिविलिएनम, क्लोराफाइटम ट्यूबरोजम, क्लोरोफाइटम अरुन्डीनेशियम, क्लोरोफाइटम एटेनुएटम, क्लोरोफाइटम ब्रीविस्केपम आदि, परन्तु मध्यप्रदेश के जंगलों में अधिकांशत- उपलब्धता क्लोरोफाइटम बोरिविलिएनम तथा ट्यूबरोज़म की ही है। इन दोनों में मुख्य अंतर यह है कि ट्यूबरोज़म में क्राउन के साथ एक धागा जैसा लगा होता है तथा उसके उपरांत इसकी मोटाई बढ़ती है, जबकि बोरिविलिएनम में कंद के फिंगर की मोटाई ऊपर ज्यादा होती है या तो पूरी फिंगर की मोटाई एक जैसी रहती है अथवा यह नीचे की ओर घटती जाती है। चूँकि ट्यूबरोज़म के संदर्भ में छिलका उतारना कठिन होता है अत: यह खेती के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती अस्तु अधिकांशत: क्लोरोफाइटम बोरिविलिएनम की ही खेती की जाती है।
सफ़ेद मूसली के औषधीय गुण -[संपादित करें]
सफेद मूसली को कभी भी अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए।
– सफेद मूसली खून में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर सकती है। इस वजह से लो शुगर की समस्या से जूझ रहे लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए या फिर शुगर की दवाई खा रहे लोगों को भी ये नहीं खानी चाहिए।
हरड़ (हरीतकी) के लाभ, प्रयोग, मात्रा एवं दुष्प्रभाव
सफेद मुसली एक महत्वपूर्ण रसायन तथा एक प्रभाव वाजीकारक औषधीय पौधा है। इसका check here उपयोग खांसी, अस्थमा, बवासीर, चर्मरोगों, पीलिया, पेशाब संबंधी रोगों, ल्यूकोरिया आदि के उपचार हेतु भी किया जाता है। हालांकि जिस प्रमुख उपयोग हेतु इसे सर्वाधिक प्रचारित किया जाता है। वह है-नपुंसकता दूर करने तथा यौनशक्ति एवं बलवर्धन। मधुमेह के उपचार में भी यह काफी प्रभावी सिद्ध हुआ है। इसका प्रयोग स्त्रियों में दूध बढ़ाने, प्रसव के बाद होने वाले रोग, मधुमेह, नपुसंकता आदि बीमारियों में किया जाता है। इस का पौधा जंगलों में वर्षा ऋतु के प्रारंभ होने पर उगता है। इसे आदिवासी इक्क्ठा करके बाजार में बेच देते हैं। जड़ी बूटियों की अधिक मांग होने के कारण इसका वनों से अधिक दोहन होने के कारण विलुप्त होने के कगार पर है।
पेशाब की जलन को शांत करने के लिए सफेद मूसली की जड़ का प्रयोग किया जाता है। इसकी जड़ को पीस लें और इलायची के साथ दूध में उबाले इस दूध को पिएं।
आगामी फसल हेतु मूसली के बीज का संग्रहण कैसे किया जाए ?
मूसली की फसल से होने वाले उत्पादन की मात्रा
गर्भावस्था में - यदि आप गर्भवती है तो इसका सेवन करने से बचे और फिर भी आपको सफ़ेद मूसली का सेवन करना है तो पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले।